हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,अरबईन के मौके पर आए हुए इंग्लैंड के चर्च के पादरी एंड्रयू थॉमसन का अलह़ाज ह़ाफ़िज़ बशीर हुसैन नजफ़ी के केंद्रीय कार्यालय में स्वागत किया गया
यदि समसामयिक विश्व ने आशूरा के दिन इमाम हुसैन (अ.स.) के सिद्धांत का पालन किया होता मैं उनके साथ युद्ध शुरू नहीं करूंगा, तो पृथ्वी पर शांति फैल गई होती।
हज़रत आयतुल्लाह अलउज़मा अलह़ाज ह़ाफ़िज़ बशीर हुसैन नजफ़ी ने हज़रत इमाम हुसैन अ.स. के अरबईन पर सातवें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने आए इंग्लैंड के चर्च से पादरी एंड्रयू थॉमसन का प्रतिनिधिमंडल के साथ नजफ अशरफ के प्रधान कार्यालय में स्वागत किया।
अतिथि प्रतिनिधिमंडल को अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि अगर आज की दुनिया आशूरा के दिन इमाम हुसैन अ.स. के सिद्धांत का पालन करती जहां उन्होंने कहा था मैं उनके साथ युद्ध शुरू नहीं करूंगा तो यह विश्व शांति का उद्गम स्थल बन जाता, युद्ध और सभी छोटे बड़े विवाद समाप्त हो गये होते खून खराबा न होता और धन की बर्बादी का यह सिलसिला न होता , विनाश के बजाय मानवता की भलाई के लिए हथियारों पर खर्च होने वाले धन का उपयोग होता।
मरज ए आली क़द्र ने आगे कहा कि मानव जाति के ख़ालिक़ अल्लाह सुब्हानहु व तआला ने मानव जाति के लिए व्यवस्था बनाई है और पैग़म्बरों अ.स. को अपना संदेश और क़ानून बताने के लिए भेजा और मासूम इमामों अ.स. ने इन संदेशों को स्पष्ट किया हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने अपने नाना की विशेषताओं का वर्णन किया।
दूसरी ओर अतिथि पादरी ने स्वागत और मिलने के अवसर के लिए उन्हें धन्यवाद दिया और ब्रिटेन में चर्च के पादरी के अभिवादन को उनकी ख़िदमत में पहुंचाया साथ ही उन्होंने अरबईन के मौके पर देखे गए दृश्यों की सराहना की और कहा कि उनकी यात्रा प्रेम और अनुग्रह के संदेश की अभिव्यक्ति थी।